आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से एक ऐसी योग विधि के बारे मे समझने वाले है जिसे Tratak Sadhna त्राटक साधना कहा जाता है, यह विधि क्या होती है? इससे क्या होता है? इसके लाभ व करने की विधि के बारे मे भी हम समझेंगे। यदि आपने इस प्राचीन साधना के बारे मे पहले से सुन रखा है और इसे समझना चाहते हैं तो इस जानकारी को पूरा पढ़ें।
इस विधि का उपयोग पुराने समय मे ध्यान लगाने के लिए जाता रहा है हमारे ऋषि मुनि भी इस त्राटक विधि का इस्तेमाल अपने इंद्रियों को वश मे करने और ज्ञान प्राप्ति के लिए करते हैं। लेकिन आज के इंटरनेट और मोबाइल के युग मे कहाँ किसे इतनी फुर्सत है की इन सब बातों पर ध्यान दे लेकिन यदि आप अपने चंचल मन को शांत करना चाहते हैं और जीवन मे आगे बढ़ना चाहते हैं तो इस त्राटक कला के बारे मे जरूर पढ़ें।
Tratak Sadhna Kya Hai?
त्राटक विधि या त्राटक साधना एक प्राचीन योगिक और ध्यान की विधि है, जिसमें किसी एक बिंदु (point), वस्तु या ज्योति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह विधि हमारे चलायमन मन और दृष्टि को एकाग्र करने और मानसिक शुद्धता प्राप्त करने में सहायक है। कई लोग किसी एक जगह अपना ध्यान केन्द्रित करने मे असमर्थ होते हैं ऐसे लोग अपने ध्यान को एकाग्रचित बनाकर मन को शांत कर सकते हैं।
Tratak Sadhna Ke Prakar
Jyoti Tratak: दिया या मोमबत्ती को जलाकर उसकी ज्योति पर ध्यान लगाना।
Bindu Tratak: सफेद या काले कागज पर एक बिन्दु या पॉइंट बनाए और बने बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना।
Chandram Tratak: पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पर एकाग्र होकर दृष्टि लगाना।
Surya Tratak: सूर्योदय या सूर्यास्त के समय जब सूर्य ठंडा हो तब उस पर ध्यान लगाना।
Tratak Karne Ka Sahi Tareeka
त्राटक विधि या साधना को समझने के बाद आपको पता होना चाहिए की आखिर त्राटक कैसे किया जाता है क्योंकि गलत तरीके से करने से आपको उतने अच्छे से रिज़ल्ट नहीं मिलता है। यदि आप पढ़ाई मे या अपने काम मे, या गोल की प्राप्ति मे ध्यान नहीं लगा पाते हैं तो इस त्राटक क्रिया का इस्तेमाल करें। चलिये इसे करने की विधि को समझने की कोशिश करते हैं।
शांत स्थान का चयन करें
ध्यान के लिए आपको इस बात का ख्याल रखना है की आप जहां बैठ रहे हैं वह स्थान पूरी तरह से शांत होना चाहिए किसी प्रकार का शोर या डिसटरबेन्स नहीं होना चाहिए एक शांत और अंधेरा कमरा चुनें।
बैठने के लिए एक आराम दायक बैठकी का सुखासन या पद्मासन का इस्तेमाल करें ताकि आप रिलैक्स होकर बैठ सके।
वस्तु का चयन करें
आप जिस भी प्रकार का त्राटक ध्यान करना चाहते हैं उसके लिए आप पहले से ही वस्तु को अरेंज कर लें ताकि ध्यान करने मे किसी प्रकार की कोई बढ़ा न हो।
यदि आप ज्योति त्राटक कर रहे हैं, तो अपनी सुविधा के अनुसार दिया या मोमबत्ती जलाकर उसे अपनी आंखों के सामने रखें (इसकी दूरी लगभग 2-3 फीट पर होना चाहिए)।
रौशनी की स्थिति
ज्योति की ऊंचाई आपकी आंखों के समानांतर होनी चाहिए ताकि गर्दन झुकानी न पड़े क्योंकि यदि यह ऊपर नीचे होती है तो कुछ देर मे आपकी गर्दन मे दर्द होने लग जाएगा।
शुरुआत कैसे करें
इस योग विधि की शुरुआत करने के लिए आपको अपने मन को शांत करना होगा और इसके लिए आप कुछ गहरी सांसें ले। इसके बाद आप बिना पलक झपकाए ज्योति या बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।
समय
शुरुआत में आप बहुत ज्यादा टाइम न लगाएँ केवल इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट के लिए करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। क्योंकि ऐसे मे आपकी आँखों मे दर्द हो सकता है क्योंकि आंखो को इसकी आदत नहीं होती है।
आंखों को विश्राम दें
ऐसे काम को करने से हो सकता है की आपकी आंखे भरी हो जाये और उनमें दर्द भी हो या आँखें भारी हो जाए ऐसी स्थिति मे जब आंखें थक जाएं या पानी आने लगे, तो आंखें बंद करें और आराम करें।
ध्यान केंद्रित करें
समान्यतः जब आप शांत अवस्था मे होते हैं तो आपके मन मे कई तरह के विचार आने लगते हैं लेकिन आपको कोशिश करना है की आपके मन से सभी तरह के ख्याल शांत हो जाए। मन को विचारों से मुक्त करते हुए केवल उस बिंदु या ज्योति पर ध्यान केंद्रित रखें।
Tratak Sadhna Ke Fayde
अब कई लोगो के मन मे यह सवाल भी आता है की आखिर इस त्राटक साधना के फायदे क्या है तो आपको बता दें इसके कई ऐसे लाभ है जो आपके मन को रिफ्रेश कर देते हैं इससे आपके दिमाग से टेंशन कम होगा और डिप्रेशन जैसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी इसका जबरजस्त लाभ मिलता है।
मन की एकाग्रता: इससे मन शांत और केंद्रित होता है।
आंखों की शक्ति: दृष्टि तेज होती है और आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
मानसिक शक्ति का विकास: स्मरण शक्ति और ध्यान बढ़ता है।
तनाव और चिंता कम होती है: यह मन को शांत और संतुलित बनाता है।
आध्यात्मिक जागरूकता: आध्यात्मिक प्रगति के लिए यह महत्वपूर्ण साधना है।
Savdhaniyan
त्राटक विधि करते समय आंखों पर अधिक जोर न डालें। अगर पानी आए या जलन हो तो तुरंत प्रक्रिया बंद कर दें।
त्राटक को दिन में एक या दो बार 5-10 मिनट के लिए ही करेंबहुत ज्यादा नहीं करना है
सूर्य त्राटक केवल सूर्योदय या सूर्यास्त के समय ही करें क्योंकि सूर्य की रोशनी आधिक होने पर आँखों मे दिक्कत हो सकती है
नियमित अभ्यास और संयम से त्राटक साधना के पूर्ण लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
त्राटक विधि Tratak sadhna क्या है इसके बारे मे अब आप समझ चुके हैं यदि आप इस तरह की विधि को करना चाहते हैं तो आप शुरू करें लेकिन इस विधि को पूरी जानकारी के साथ ही करें और इसकी सावधानियों को अच्छी तरह से पढ़ें technicalworldhindi केवल इन्फॉर्मेशन के उद्देश्य से यह जानकारी दे रहा है बाकी आप इसे अपनी ज़िम्मेदारी पर करें। उम्मीद है यहाँ दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी इस जानकारी को उन लोगों के साथ साझा करें जो त्राटक के बारे मे जानना चाहते हैं।