भूकंप पृथ्वी की सतह का अचानक हिलना या कंपन है, जो पृथ्वी की परतों में ऊर्जा के अचानक रिलीज़ होने के कारण होता है।

भूकंप मुख्य रूप से उन स्थानों पर होते हैं जहाँ टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, अलग होती हैं, या एक-दूसरे के ऊपर-नीचे खिसकती हैं। 

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल या मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल (Mw) पर मापा जाता है। 

भूकंप का अध्ययन सिस्मोग्राफ़ की मदद से किया जाता है, जो भूकंप से उत्पन्न सिस्मिक तरंगों को रिकॉर्ड करता है। 

पृथ्वी की सतह पर वह बिंदु, जो भूकंप के केंद्र के ठीक ऊपर होता है, एपिसेंटर कहलाता है। वहीं, भूकंप का मूल केंद्र फोकस कहलाता है। 

पृथ्वी की सतह पर वह बिंदु, जो भूकंप के केंद्र के ठीक ऊपर होता है, एपिसेंटर कहलाता है। वहीं, भूकंप का मूल केंद्र फोकस कहलाता है। 

भूकंप से इमारतों, बुनियादी ढांचे और पर्यावरण को नुकसान होता है, जिससे जान-माल की हानि होती है। 

भूकंप संभावित क्षेत्रों में भूकंप-रोधी इमारतें, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और सुरक्षा उपाय अपनाए जाते हैं। 

भूकंप के कारण सुनामी, भूस्खलन और मिट्टी के तरल रूप में बदलने जैसी आपदाएँ हो सकती हैं। 

"रिंग ऑफ फायर" दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है, जहाँ अधिकतर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं।